JoSAA में IIT और NIT दोनों की choice एकसाथ भर सकते हैं क्या?

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हर साल लाखों छात्र JEE Main और JEE Advanced की परीक्षा देकर भारत के प्रमुख तकनीकी संस्थानों जैसे IITs, NITs, IIITs और GFTIs में admission पाने की उम्मीद करते हैं। इन दोनों परीक्षाओं के बाद counselling की जिम्मेदारी Joint Seat Allocation Authority (JoSAA) की होती है। लेकिन जब JoSAA counselling शुरू होती है, तो छात्रों और उनके अभिभावकों के मन में एक बहुत आम और महत्वपूर्ण सवाल उठता है – “क्या हम IIT और NIT दोनों की choice एकसाथ भर सकते हैं?”

यह सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि दोनों प्रकार के संस्थानों का selection process और eligibility criteria अलग-अलग होता है। IITs में admission के लिए JEE Advanced qualify करना जरूरी होता है, वहीं NITs, IIITs और GFTIs में प्रवेश JEE Main के score के आधार पर होता है। लेकिन counselling प्रक्रिया एक ही portal – JoSAA – के माध्यम से होती है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि IIT और NIT दोनों की choice एकसाथ कैसे भरी जाती है, क्या उसके लिए कोई eligibility condition होती है, क्या इसमें कोई technical limitation है, और students को choice filling करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

यह जानकारी उन सभी छात्रों के लिए बेहद उपयोगी होगी जो JEE Main और JEE Advanced दोनों qualify कर चुके हैं या सिर्फ JEE Main के आधार पर NITs की तरफ देख रहे हैं। आइए जानते हैं इस जटिल लेकिन बेहद जरूरी विषय को सरल भाषा में।

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JoSAA counselling क्या है और इसके अंतर्गत कौन-कौन से संस्थान आते हैं?

JoSAA (Joint Seat Allocation Authority) एक centralised counselling platform है जो भारत के 100+ शीर्ष तकनीकी संस्थानों में admission के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें शामिल संस्थानों में प्रमुख रूप से 23 IITs, 32 NITs, 26 IIITs और 33 GFTIs आते हैं। JoSAA की स्थापना छात्रों को एक unified platform पर सीट अलॉटमेंट की सुविधा देने के उद्देश्य से की गई थी।

इस platform के माध्यम से qualified students अपने score और rank के आधार पर choice filling कर सकते हैं और उन्हें अलग-अलग rounds में seat allot होती है। JoSAA की खास बात यह है कि यह पूरी प्रक्रिया को transparent और merit-based बनाता है।

IITs और NITs के admission criteria में क्या फर्क होता है?

IITs में admission के लिए छात्र को पहले JEE Main पास करना होता है और फिर JEE Advanced qualify करना अनिवार्य होता है। इसके बाद ही वह JoSAA portal पर IITs की choice भर सकता है।

दूसरी ओर, NITs, IIITs और GFTIs में admission केवल JEE Main के rank के आधार पर होता है। इसलिए अगर किसी छात्र ने सिर्फ JEE Main qualify किया है, तो वह केवल NIT+ सिस्टम के लिए eligible होता है।

इसलिए दोनों संस्थानों की eligibility अलग-अलग है, लेकिन counselling platform एक ही होता है।

क्या एक ही choice list में IIT और NIT दोनों को भर सकते हैं?

हां, यदि किसी छात्र ने JEE Advanced qualify कर लिया है, तो वह IITs और NITs दोनों की choice एक ही choice filling में भर सकता है। JoSAA portal इस feature को allow करता है।

लेकिन यदि छात्र ने केवल JEE Main qualify किया है, तो उसे IIT की choice filling का option नहीं मिलेगा। सिस्टम automatically आपके eligibility के अनुसार options दिखाता है।

इसलिए यह पूरी तरह आपके performance पर आधारित होता है कि आप दोनों की choice भर सकते हैं या नहीं।

Choice filling करते समय किस क्रम में विकल्प भरना चाहिए?

Choice filling में सबसे जरूरी होता है preference का सही क्रम तय करना। अगर आपने JEE Advanced qualify किया है और IITs में रुचि है, तो उन्हें पहले preference दें। उसके बाद NITs, IIITs और फिर GFTIs को रखें।

अगर आपको किसी specific branch या location से लगाव है, तो उसे भी प्राथमिकता में शामिल करें। लेकिन कभी भी सिर्फ college के नाम से प्रभावित होकर choice न भरें – branch और placement records का विश्लेषण करें।

क्या choice filling एक बार lock करने के बाद बदली जा सकती है?

नहीं, once you lock your choices, आप उसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते। इसलिए final submission से पहले preview जरूर करें।

JoSAA एक mock allotment round भी करता है ताकि छात्र अपनी strategy का आकलन कर सकें और जरूरत हो तो choice list में बदलाव कर सकें।

यदि IIT में seat मिल गई तो क्या NIT की seat consider होगी?

नहीं, यदि किसी छात्र को किसी round में IIT में seat allot हो जाती है और वह उसे accept करता है, तो उसकी NIT, IIIT और GFTI की सभी choices स्वतः समाप्त हो जाती हैं।

यह rule इसलिए बनाया गया है ताकि एक छात्र दो जगह पर सीट ना रोके और प्रक्रिया smooth चले। इसलिए सोच-समझकर ही IIT की सीट accept करें।

क्या दोनों विकल्प भरने से chances बढ़ जाते हैं?

हां, निश्चित रूप से। यदि आपने दोनों exams qualify किए हैं और दोनों प्रकार के institutions में रूचि है, तो choice filling में दोनों को शामिल करने से आपके selection के अवसर कई गुना बढ़ जाते हैं।

अगर IIT में interest नहीं है, तो क्या सिर्फ NIT की choice भरना सही है?

अगर आपका interest सिर्फ NITs में है या आपने JEE Advanced qualify नहीं किया, तो केवल NIT+ सिस्टम की choice भरना एक अच्छा और practical निर्णय हो सकता है। इससे आपकी preference list स्पष्ट और focused होगी।

क्या दोनों तरह की choices भरना system को confuse करता है?

नहीं, JoSAA का system बहुत well-designed और eligibility-based है। यह automatically आपके qualification के अनुसार choices को process करता है। system किसी भी प्रकार की confusion नहीं रखता।

IIT और NIT दोनों की choice भरने के लिए क्या जरूरी तैयारी होनी चाहिए?

  • अपने JEE Main और Advanced के score को अच्छे से समझें
  • Eligible institutes की पूरी जानकारी रखें
  • Branch preference स्पष्ट करें
  • Time पर choice filling करें और lock करने से पहले preview करें

Frequently Asked Questions

1. क्या JEE Advanced के बिना NIT की choice भर सकते हैं?

हां, JEE Main qualify करने वाले छात्र NIT+ सिस्टम में choice भर सकते हैं।

2. क्या IIT और NIT दोनों की choice एक ही counselling में भर सकते हैं?

हां, अगर आपने JEE Advanced qualify किया है तो दोनों की choice भर सकते हैं।

3. क्या IIT में seat मिलने पर NIT की seat भी मिल सकती है?

नहीं, IIT में seat allot होने पर बाकी options समाप्त हो जाते हैं।

4. क्या system eligibility के अनुसार ही options दिखाता है?

हां, JoSAA portal आपके qualification के अनुसार ही options provide करता है।

5. क्या mock allotment जरूरी है?

हां, यह आपको अपनी strategy सुधारने का मौका देता है।

6. क्या choice filling के बाद उसे edit कर सकते हैं?

केवल locking से पहले तक कर सकते हैं। उसके बाद नहीं।

7. क्या एक ही choice list में branch और college preference अलग-अलग दे सकते हैं?

हां, आप branch और college दोनों की priority set कर सकते हैं।

8. क्या JoSAA counselling में mistake से seat miss हो सकती है?

हां, गलत choice filling या timing delay से seat miss हो सकती है।

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