हर साल लाखों माता-पिता और छात्र इंजीनियरिंग कॉलेज चुनते समय सबसे पहले एक ही बात पूछते हैं – “इस कॉलेज का प्लेसमेंट कैसा है?” यह सवाल स्वाभाविक है, क्योंकि हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे को डिग्री के बाद एक अच्छी नौकरी मिले। लेकिन क्या सिर्फ प्लेसमेंट रिकॉर्ड देखकर कॉलेज चुनना सही है?
मैं, राजेश मिश्रा, पिछले 18 वर्षों से इंजीनियरिंग एडमिशन की काउंसलिंग कर रहा हूं और मैंने कई बार देखा है कि सिर्फ प्लेसमेंट के आधार पर लिए गए फैसले बाद में भारी पड़ते हैं। यह ब्लॉग उन्हीं माता-पिता और छात्रों के लिए है जो प्लेसमेंट को ही कॉलेज चयन का सबसे बड़ा मानक मानते हैं, लेकिन ब्रांच की स्कोप, बच्चे की रुचि और कॉलेज की शिक्षा गुणवत्ता को नजरअंदाज कर देते हैं। आइए समझते हैं कि सही तरीका क्या है और किस बात से सतर्क रहना चाहिए।
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विषय की गहराई से जानकारी
कॉलेज का प्लेसमेंट रिकॉर्ड उसकी औसत पैकेज, टॉप कंपनियों की लिस्ट और प्लेसमेंट प्रतिशत के आधार पर देखा जाता है। लेकिन हर साल जो कंपनियां कॉलेज में आती हैं, वे सभी छात्रों को जॉब नहीं देतीं, और कई बार सिर्फ CS/IT ब्रांच के छात्रों को ही मौका मिलता है।
प्लेसमेंट डेटा का एक और पहलू यह है कि उसमें कभी-कभी इंटर्नशिप, ऑफर लेटर और वास्तविक जॉइनिंग में फर्क होता है। ऐसे में केवल ब्रांड या पुराने प्लेसमेंट ग्राफ को देखकर फैसला लेना अधूरा निर्णय होगा।
कौन से लोग इससे प्रभावित होते हैं?
इस गलत धारणा से सबसे ज्यादा प्रभावित वे छात्र होते हैं जो:
- सिर्फ CS या IT ब्रांच इसलिए चुनते हैं क्योंकि इनका प्लेसमेंट अच्छा होता है, लेकिन उनकी रुचि Mechanical या Civil में होती है।
- कम रैंक पर प्लेसमेंट दिखाने वाले प्राइवेट कॉलेज में दाखिला लेते हैं, लेकिन ब्रांच का स्कोप कमजोर होता है।
- ब्रांच का स्कोप जाने बिना हाई-फीस प्राइवेट कॉलेज चुन लेते हैं, जहां बाद में डिप्रेशन या ड्रॉप लेने की नौबत आ जाती है।
क्या फायदा है सही ब्रांच और स्कोप के अनुसार कॉलेज चुनने का?
अगर छात्र को उसकी रुचि के अनुसार ब्रांच मिले और उस ब्रांच का भविष्य में स्कोप हो:
- तो वह चार साल की पढ़ाई मन से करता है
- Higher Studies, GATE, UPSC या Entrepreneurship की तैयारी अच्छे से कर सकता है
- सिर्फ प्लेसमेंट पर निर्भर नहीं रहता
- लंबे समय तक सफलता के लिए तैयार होता है, न कि सिर्फ एक जॉब पाने के लिए
किन बातों का ध्यान रखें?
विश्लेषण बिंदु | प्लेसमेंट डेटा देखा जाए या नहीं? | बेहतर दृष्टिकोण क्या हो? |
कॉलेज प्लेसमेंट | हां, लेकिन केवल CS/IT नहीं, अन्य ब्रांच का डेटा भी देखें | ब्रांच-वाइज प्लेसमेंट रिपोर्ट देखें |
ब्रांच स्कोप | हां, 4 साल बाद ब्रांच की वैल्यू और जॉब मार्केट में स्कोप क्या है? | इंजीनियरिंग ट्रेंड और रिसर्च को समझें |
छात्र की रुचि | क्या बच्चा Coding में रुचि रखता है या Core Subjects में? | Aptitude Test या Career Counselling कराएं |
फीस बनाम ROI | क्या फीस के अनुपात में जॉब मिलने की संभावना है? | ROI और स्कॉलरशिप दोनों का विश्लेषण करें |
आपकी क्या तैयारी होनी चाहिए?
- कॉलेज के प्लेसमेंट रिकॉर्ड को पूरी तरह से ब्रांच-वाइज देखें
- ब्रांच का भविष्य में स्कोप क्या है, यह जानने के लिए इंडस्ट्री रिपोर्ट पढ़ें
- छात्र की रुचि को समझें और उसी के अनुसार ब्रांच चुनें
- प्राइवेट कॉलेज के Marketing पर आंख मूंदकर भरोसा न करें
- सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों को प्राथमिकता दें
आम गलतियां जिनसे बचना चाहिए
- सिर्फ औसत पैकेज देखकर कॉलेज चुन लेना
- बच्चा क्या चाहता है, यह जाने बिना ब्रांच थोप देना
- किसी एक-दो सफल छात्रों का उदाहरण देखकर पूरे कॉलेज को अच्छा मान लेना
- Placement Percentage को बिना ब्रांच के बंटवारे के देखना
- कॉलेज के LinkedIn या Third Party Portal की सही समीक्षा न करना
हमारे सुझाव या विशेषज्ञ राय
GLN Admission Advice Pvt. Ltd. के तौर पर हमने यह समझा है कि सही निर्णय वही होता है जिसमें बच्चा चार साल मन से पढ़ सके। सिर्फ प्लेसमेंट के आंकड़े देखना, वो भी अधूरी जानकारी के आधार पर, एक बड़ा रिस्क है। हमारी सलाह है:
- ब्रांच को प्राथमिकता दें, क्योंकि स्कोप और रुचि दोनों यहीं से जुड़ते हैं
- कॉलेज तभी चुनें जब ब्रांच का स्कोप और शैक्षणिक माहौल दोनों संतुलित हों
- प्लेसमेंट को एक मैपिंग के रूप में देखें, न कि अंतिम सत्य के रूप में
- जरूरत हो तो Career Counselling के लिए विशेषज्ञ की मदद लें
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निष्कर्ष
इंजीनियरिंग कॉलेज का चयन सिर्फ प्लेसमेंट के आधार पर करना आज के दौर की सबसे आम लेकिन सबसे खतरनाक गलती है। यह केवल एक शॉर्ट टर्म नजरिया है, जबकि ब्रांच, स्कोप और रुचि का तालमेल भविष्य की स्थिरता और सफलता की कुंजी है।
अगर आप एक अभिभावक हैं, तो अपने बच्चे के साथ बैठकर सोचें, उसकी रुचि को समझें, स्कोप को जांचें और तब कोई निर्णय लें। और अगर आपको जरूरत हो, तो हम आपके साथ हैं।
FAQs
Q1. क्या सिर्फ प्लेसमेंट देखकर कॉलेज चुनना गलत है?
हाँ, क्योंकि प्लेसमेंट डेटा अधूरा होता है और हर ब्रांच के लिए अलग होता है।
Q2. क्या ब्रांच की रुचि ज़रूरी है?
बिलकुल। बिना रुचि के छात्र चार साल तक बेहतर नहीं पढ़ सकता।
Q3. कैसे पता करें कि ब्रांच का स्कोप क्या है?
इंडस्ट्री ट्रेंड, रिसर्च रिपोर्ट और काउंसलिंग से जानकारी लें।
Q4. प्राइवेट कॉलेज ज्यादा प्लेसमेंट क्यों दिखाते हैं?
कई बार मार्केटिंग के लिए आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है।
Q5. क्या सरकारी कॉलेज में प्लेसमेंट कम होता है?
सरकारी कॉलेजों में स्कोप और लर्निंग बेहतर होती है, जिससे छात्र स्वयं अवसर बना लेते हैं।
Q6. क्या GLN Admission Advice पर्सनल गाइडेंस देता है?
हाँ, हम हर छात्र की प्रोफाइल के अनुसार सही ब्रांच और कॉलेज की सलाह देते हैं।

My name is Rajesh Mishra. For the past 18 years, I have been helping students get admission into the right colleges. I believe that even students with average or low ranks deserve admission in good colleges—without chasing agents, falling for false promises, or paying donations.
To share my experience and guidance with more students, I write blogs on NEET, Engineering, and AYUSH counselling.
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