सरकारी Engineering कॉलेज का नाम CV में क्या फर्क डालता है? जानिए Recruiters की सोच

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जब कोई छात्र इंजीनियरिंग करता है, तो उसका अंतिम उद्देश्य एक अच्छी नौकरी, मजबूत करियर और आर्थिक स्थिरता हासिल करना होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके CV में जिस कॉलेज का नाम लिखा होता है, उसका प्रभाव आपके करियर की दिशा पर कितना होता है? खासकर जब वह कॉलेज सरकारी हो  जैसे IIT,NIT, IIIT, GFTI या किसी राज्य सरकार द्वारा संचालित इंजीनियरिंग संस्थान। कई छात्र सोचते हैं कि अगर उन्होंने डिग्री पूरी कर ली तो सब कुछ अपने आप हो जाएगा। लेकिन Recruiters की नजर सिर्फ आपकी डिग्री पर नहीं, बल्कि आपके कॉलेज के नाम, उसकी प्रतिष्ठा और ब्रांड वैल्यू पर भी होती है।

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यह ब्लॉग इसी विषय पर आधारित है  कैसे सरकारी कॉलेज का नाम आपके CV को मज़बूत बनाता है, आपकी पहचान को एक अलग स्थान देता है, और निजी क्षेत्र से लेकर सरकारी संस्थानों तक आपके लिए अवसरों का द्वार खोलता है। हम यहां न सिर्फ तथ्यों के आधार पर बात करेंगे, बल्कि Recruiters की सोच और Hiring ट्रेंड्स को भी समझेंगे। साथ ही जानेंगे कि सरकारी कॉलेज का नाम क्यों long-term करियर ग्रोथ में एक बड़ा फर्क बन जाता है।

सरकारी कॉलेज की Branding – क्यों Recruiters इसे महत्व देते हैं?

सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे IIT, NIT, IIIT, GFTI और राज्य स्तरीय सरकारी संस्थान वर्षों से टेक्निकल एजुकेशन की रीढ़ रहे हैं। इन कॉलेजों की ब्रांड वैल्यू समय के साथ बनी है  ना सिर्फ भारत में बल्कि इंटरनेशनल कंपनियों के बीच भी। जब कोई Recruiter आपके CV को स्कैन करता है, तो सबसे पहले उसकी नजर आपके संस्थान के नाम पर जाती है। यदि नाम किसी प्राइवेट कॉलेज का है जो कम प्रसिद्ध है, तो Recruiter को आपके स्किल्स पर ज्यादा जांच करनी पड़ती है। वहीं अगर कॉलेज का नाम किसी प्रतिष्ठित सरकारी संस्थान का है, तो वह पहले से ही आपके बेसिक क्वालिटी को मानकर चलता है।

Recruiters मानते हैं कि सरकारी कॉलेजों से पास हुए छात्र अक्सर जमीनी स्किल्स, मजबूत बेस और अनुशासन के साथ आते हैं। इसके पीछे कारण होता है – tough admission process, merit-based selection, और academic environment जो students को self-made बनाता है। इसके अलावा इन कॉलेजों में exposure, internships, national level competitions और industry collaborations जैसे कई ऐसे फैक्टर होते हैं जो निजी कॉलेजों से अलग पहचान बनाते हैं।

सरकारी कॉलेज और Core Sector Jobs में Preference का संबंध

अगर आप Mechanical, Civil, Electrical, या Electronics जैसी core ब्रांच से हैं, तो आपके लिए सरकारी कॉलेज का नाम और भी अधिक मायने रखता है। Core companies – जैसे L&T, BHEL, NTPC, IOCL, BEL, ONGC – ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती हैं जिन्होंने किसी सरकारी कॉलेज से पढ़ाई की हो। इसका कारण यह है कि इन कंपनियों में technical rigor, practical knowledge और process understanding की मांग होती है  जो सरकारी कॉलेज के syllabus और lab structure में पहले से शामिल होता है।

इसके अलावा PSU और GATE आधारित नौकरियों में भी सरकारी कॉलेज के छात्रों का selection ratio अधिक रहता है क्योंकि उनके पास बेहतर conceptual clarity और तैयारी का माहौल होता है। Recruiters यह भी मानते हैं कि सरकारी कॉलेज में competition ज्यादा होता है, इसलिए जो छात्र वहां से निकलते हैं, वे naturally tough और adaptable होते हैं।

Government vs Private College – Brand Recognition और CV Value में अंतर

Private colleges में जहां admission और academics में flexibility होती है, वहीं सरकारी कॉलेजों में discipline, transparency और structured system होता है। यही वजह है कि जब दो छात्र एक ही मार्क्स और स्किल्स लेकर आते हैं लेकिन अलग-अलग कॉलेज से, तो Recruiter का झुकाव उस उम्मीदवार की ओर होता है जो सरकारी संस्थान से है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, 72% recruiters मानते हैं कि उन्हें सरकारी कॉलेज से पास हुआ छात्र ज़्यादा भरोसेमंद और academically grounded लगता है। वहीं कई बड़े MNC जैसे TCS, Infosys, Capgemini, Wipro और Cognizant जैसे IT recruiters अपने Bulk hiring में सीधे सरकारी कॉलेजों को टारगेट करते हैं। इसकी वजह है – campus environment, learning curve और peer group की strength, जो एक सरकारी कॉलेज में निखरती है।

निष्कर्ष: नाम नहीं, लेकिन नाम से जुड़ी विश्वसनीयता ज़रूरी है

Recruiters किसी भी छात्र को उसके skills, attitude और learning ability के आधार पर जज करते हैं, लेकिन कॉलेज का नाम उस initial trust को बनाने में अहम भूमिका निभाता है। सरकारी कॉलेज का नाम आपके CV में सिर्फ एक लाइन नहीं, बल्कि एक विश्वसनीयता की मुहर होती है जो interview की शुरुआत में ही आपका पहला impression मज़बूत बनाता है।

इसलिए यदि आपके पास सरकारी कॉलेज में दाखिला लेने का मौका है  चाहे वह NIT हो या राज्य स्तरीय कोई Government Engineering College  तो उसे हल्के में न लें। यह आपके करियर की दिशा तय करने वाली पहली ईंट हो सकती है।

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